Short Story Script in Hindi

“Short Story Script in Hindi” is a creative and concise narrative written in the Hindi language, crafted specifically for a dramatic or cinematic presentation. This script unfolds a brief yet compelling storyline, often featuring well-defined characters, a captivating plot, and a resolution within a limited duration. Whether intended for a film, play, or other visual mediums, the script’s brevity allows for a quick and impactful storytelling experience, making it an engaging form of entertainment for audiences who appreciate concise and meaningful narratives in the Hindi language.

Short Story Script in Hindi

चिपकू पड़ोसन -Short Story Script in Hindi

पड़ोसी नहीं तो पड़ोसी हुआ ना रिश्तेदार से भी बढ़कर आइए मिलाते हैं शर्मा family से जाकी पड़ोसन कैसी थी देखिए तो जरा घर पर कोई है? अरे शिल्पी आई है? क्या हो रहा है भाभी? अरे शिल्पी तुम फिर आ गई माँ मैं कह रही थी तुम आ गई हाँ हाँ और क्या और माफी कैसी? अरे क्या कोई लेनदेन थोड़ी ना है? वैसे क्या बना है खाने में? मैं ना ये कटोरी लाई थी जरा सब्जी लेने के लिए Shilpi Seema के ससुराल की पड़ोसन थी इसकी ना कोई आने का वक्त था और ना जाने का जिससे Seema परेशान रहती लेकिन सास को देखकर कुछ कह ना पाती फिर एक रोज अरे कल सब्जी नहीं मिली थी मुझे बहु आज तो

मिलेगी ना रोज रोज खाली दाल से ही खाना खिला देती है तू माँ जल्दी से खाना खा लीजिए मैं बर्तन धोकर रख देती हूँ नहीं तो Shilpi aunty आ जाएँगी फिर पता है ना सब्जी रोज़ वही तो जाती है। ना जाने क्यों लोग घर में खाना नहीं बनाते। लेकिन तभी शिल्पी आंटी का नाम सुनते ही पूरे घर में जैसे तूफान सा आ जाता है। हर कोई एक दूसरे से लड़ता भिड़ता जल्दी से खाने की टेबल पर बैठा ही होता है कि बैल बज जाती है। जा बहू जा दरवाजा खोल दे और खाना रख दे। नहीं माँ मैं तो खाना खाऊंगा। चाहे जो हो जाए मैं तंग आ गया हूँ शिल्पी आंटी से। लेकिन क्या करें?

बहू दरवाजा खोलती है और बेटे के प्लेट में जैसे ही रोटी डालती है अरे बेटा तू है मेरा चल माँ बेटे साथ में खाना खाते हैं। अरे रहने देना शिल्पी खाना खाकर सोएगा रात का जगह है ये। अरे तो मैंने कौन सी रोटी छीन ली है? मैं तो यही कह रही हूँ कि साथ में खाना खा लेते हैं। पर आंटी उनको किसी के साथ खाना अच्छा नहीं लगता। विश्वास मानिए पति है मेरे लेकिन मजाल है कि साथ कभी दो रोटी भी खाई हो? तो कल की आई है बेटा। मैं तो बचपन से जानती हूँ इसे। अरे गोदी में बैठकर खाना खिलाया है मैंने इसे अपने हाथों से। क्यों लड्डू? आंटी लड्डू मत बोला करो। कितनी बार कहा है?

Read More: Best Gandhi Jayanti speech in Hindi 2024

मेरा नाम मयंक है, मयंक। हाँ हाँ पता है। मैंने ही तो रखा था। नहीं तो तेरी माँ तो ब्रजेश दत्त नाम रख रही थी तेरा सच्ची माँ जी ये कैसा नाम हुआ thanks aunty जी Brajesh Tatt नाम होता ना तो मैं तो शादी ही ना करती इनसे लीजिए चाय पीजिए सास बहू को देख रही थी कि जो थोड़ी देर पहले इस चिपकू पड़ोसन का खौफ खा रही थी अब इसे चाय पीला रही है हे भगवान अच्छा बहु थोड़ा सा drawing room का AC चला दे मैं जरा सोफे में ही कमर सीधी कर लूँ शिल्पी लेट जाती है और सास बहू एक दूसरे को देखती है और अपने-अपने काम पर लग जाती है सास किचन में धीरे से बहु को कहती है शाम तक की छुट्टी अब ना
टीवी देख सकती हो ना ही दरवाजा खोल सकती हो माँ जी आप इतना डरती क्यों है बोलती क्यों नहीं अरे है तो पड़ोसन ही ना क्यों ऐसे कभी भी जाती है? तू जो सर पर चढ़ा रही है। चाय पीला रही है। तो क्यों नहीं आराम करेगी। खैर सास-बहू अपने-अपने कमरे में चली जाती है एक रोज वो मेरी बहन है ना उसके बेटा बहु आ रहा है नई-नई शादी हुई है तो मैंने खाने पर बुलाया है। चल चल कर कुछ अच्छा सा बना लेते हैं। कोई ना माँ जी मैं हूँ ना बना लुंगी। वो क्या है ना आप आराम करिए। बस बता दो कि क्या बनाना है? आह वो बहु तो उनकी साऊथ इंडियन है। तो कुछ साउथ का ही बना ले बहू।

ना माँ जी पर वो कैसे बनता है? तभी जोर दरवाजा खोलकर पड़ोसन शिल्पी आ जाती है। मैं बताती हूँ बेटा एक काम कर बस मैं बोल रही हूँ तू सामान पकड़ा था। बहु की नजर पड़ोसन के हाथ पर पड़ती है। पीले-पीले हाथ ना जाने क्या लगा। आंटी जी आप रहने दे मैं किसी तरह manage कर लूंगी। अरे हट तू क्या manage करेगी? मैं देती हूँ ना बनाकर। बस फिर क्या था, बहु को तो पड़ोसन के हाथ देखकर ही गुस्सा रहा था। लेकिन वो सास की ओर देखती है जो पड़ोसन को कुछ भी नहीं बोल रही थी। बहु बाहर आती है और सास की ओर देखकर चली जाती है। सास बहू के पीछे जाती है।

अरे क्या हो गया बना रही है तो बनाने दे ना कभी तो कहती है कि मैं सर पर चढ़ाती हूँ और आप? आप क्या कर रही हैं? वही ना जो मैं कर रही थी, सर चढ़ा रही हैं। हाथ दिखा उनके कितने गंदे थे? मैं नहीं खाऊँगी, उनके हाथ का खाना। ओहो! तो तब बताती तो रुक जाती ना मैं? चल अब डांटती हूँ जरा। सास kitchen में जाती है। अरे क्या है शिल्पी? किसी के घर खाना बना रही है तो कम से कम हाथ तो धो ले। ये क्या लगा है हाथ में? शिल्पी को सास की बात का बिल्कुल बुरा नहीं लगता। अरे ये? ये तो हल्दी ही है, पीस कर आ रही हूँ, डब्बे में डालना था तो हाथ से ही डाल दिया। वैसे भी खाने में तो हल्दी डालना ही है ना? सास को
गुस्सा आ जाता है कि कैसे वो पटर-पटर जवाब दे रही है? देख शिल्पी तू रहने ही दे। वैसे भी बहु बना तो रही थी। हाँ, पर उसे नहीं था ना तुझे तो पता है मुझे कुकिंग का शौक है और वैसे भी मेरा भी तो घर है ये सुन ज्यादा ना कर घर में गेस्ट आने वाला है निकल अब तो सीधे-सीधे देख सल्ला हम दोस्त हैं ऐसे बात करना सही नहीं है। वैसे चल ही रही हूँ मैं हाँ हाँ जरा जल्दी। जब देखो तब आ जाती है घर की privacy तो कुछ रही नहीं तुम्हारे कारण। अरे जब देखो तब मुँह उठाकर आ जाती हो। आज तो कैसा हुआ था कि शिल्पी के साथ कोई इस घर में इस तरह से बात करे।

उसे बुरा लगता है और वो अपने घर चली जाती है। माँ जी आपने थोड़ा ज्यादा ही नहीं बोल दिया। अरे रहने दे ना ठीक है। घर ना हुआ धर्मशाला बनाकर रखा है। सास गुस्सा कर ही रही थी कि दरवाजे की घंटी बजती है। देख तो बहु कहीं फिर से तो नहीं आ गई बेशर्म पड़ोसन। बहू दरवाजा खोलती है तो सामने guest खड़े होते हैं। अरे आओ आओ माँ जी, वो भाभी और भैया आ गए हैं। अरे कल्लू, आजा, आजा, आजा वैसे तेरी बीवी तो तुझसे भी ज्यादा काली है वो माँ भाभी south Indian है ना वहाँ गर्मी ज्यादा होती है तो इसलिए आ या या, या क्या होती? या तो बहुत ही ठंडा कैसे रहती आप लोग? ये न मौसम खाना अच्छा, वैसे क्या बनाई खाने को? वो साउथ
इंडियन आपके लिए भाभी सभी खाने के टेबल पर बैठते हैं। अरे वाह! क्या खाना है? मटर पनीर? मजा आ गया मुझे तो सास को लगता है कि बहु को खाना अच्छा नहीं लगा वो तो पसंद आना ही था। मेरी बहु ने जो बनाया। लेकिन ये साउथ इंडियन खाना उसने नहीं बनाया। बहू, बुरा ना मानना, खाना ठीक ना लगे तो। तो फिर साउथ इंडियन बहु रोने लगती है। अरे रो नहीं। मैं बाजार से कुछ और मंगा देती हूं। नाही-नाही। बहुत ही अच्छी बनाई। मुझे मेरी माँ की याद आ गई। किसने बनाया? किसने बनाया? प्लीज मेरे को मिला दो।

माँ जी मैं शिल्पी आंटी को बुला लूँ? हुह, बड़ा बुला लूँ, अभी खुद ही आ जाएगी, बस दस तक गिन लो। हाँ माँ जी, वैसे बात तो सही है, शिल्पी आंटी को तो बस बहाना चाहिए हम लोगों के घर आने का। थोड़ी देर हो जाती है लेकिन शिल्पी नहीं आती। तो और बताओ। शादी के बाद कैसा लग रहा है बहु? अय्यर, सब ठीक है, आप उनको बुला दीजिए, जिन्होंने ये कहा ना बनाया। आ बस वो आती ही होंगी। क्या कान है वो? कुक्का है? क्या आप लोगों के घर की? अरे नहीं, नहीं पड़ोसन है। कितना अच्छा होगा। वरना आज के समय में कान किसी के लिए इतना करती। वैसे नई नहीं है, आप लोगों की दोस्ती या फिर बहुत पुरानी है। साउथ इंडियन बहू की बात सुनकर सास अतीत में चली जाती है।
अरे नहीं-नहीं। वो तो हमारी बीस साल पुरानी पड़ोसन है। पता है जब हम लोग घर बना रहे थे ना तब कोई साथ नहीं दे रहा था हमारा पर उसने पूरा घर बनाने के लिए पानी दिया दिन में अपने घर में आराम करने देती वरना इतनी दूर से घर बनाना कहाँ हमारे बस की थी और तो और पता है सास बोली जा रही थी और बहु महसूस कर रही थी कि शिल्पी पड़ोसन नहीं बल्कि family से भी बढ़कर है अच्छी पड़ोसन है वो है ना माँ सास भावुक हो कहती है। अरे नहीं नहीं बहु, पड़ोसन तो नाम की है। तेरे पति के होने से लेकर तेरे ससुर जी के मरने तक हमेशा ये खड़ी रही है। और पैसे रूपए से भी बहुत मदद की है।

तेरे पति की फीस के लिए कभी पैसा नहीं हुआ करता था। तब भी तेरी ये शिल्पी आंटी ही थी। सास की आंख भर आती है। लेकिन शिल्पी नहीं आती। आई आई अरे मिला तो दीजिए एक बार। सास शिल्पी के घर जाती है, जहाँ शिल्पी खाना बना रही होती है। अरे शिल्पी, तूने तो एक बार फिर कमाल कर दिया, पता है। सास बोली जा रही थी, लेकिन शिल्पी शांत रहती है। हाँ, तो चल ना, वो तुझसे मिलना चाहती है, कि किसने बनाया है, खाना। नहीं सरला। अब मैं तेरे घर कभी नहीं आऊँगी। मैंने तो समझा ही नहीं था कि तेरी privacy मेरे आने से खराब होती है, तो सास को याद आता है कि उसने कैसे शिल्पी के साथ बुरा व्यवहार किया था? मुझे कर दे शिल्पी बहनों में भी तो लड़ाई होती है ना तो माफ़ कर दे शिल्पी सास के गले लग जाती है और दोनों घर आ जाते है ।

Conclusion:

“चिपकू पड़ोसन – Short Story Script in Hindi” हिंदी भाषा में लिखी गई एक रचनात्मक और संक्षिप्त कथा है, जिसे विशेष रूप से नाटकीय या सिनेमाई प्रस्तुति के लिए तैयार किया गया है। यह स्क्रिप्ट एक संक्षिप्त लेकिन सम्मोहक कहानी को उजागर करती है, जिसमें अक्सर अच्छी तरह से परिभाषित चरित्र, एक मनोरम कथानक और एक सीमित अवधि के भीतर एक समाधान शामिल होता है।

For more details: wikipedia

One comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *