115 साल से जल रहा है नवाबी दौर की तकनीकी विरासत, राजा लाइब्रेरी का अनोखा बल्ब


रामपुर की विश्व प्रसिद्ध राजा लाइब्रेरी न केवल अपनी दुर्लभ पांडुलिपियों और प्राचीन पुस्तकों के लिए जानी जाती है, बल्कि इसमें एक और अद्भुत रहस्य छिपा है – एक बल्ब जो पिछले 115 वर्षों से लगातार जल रहा है। यह बल्ब नवाब काल की अद्भुत शिल्पकला का प्रतीक है, जो आज भी उसी तीव्रता से रोशनी देता है। इसे पहली बार 1905 में जलाया गया था।

इसकी कहानी शुरू होती है नवाब फैज़ुल्लाह खान के शासनकाल के दौरान, जब राजा लाइब्रेरी का निर्माण किया गया था। इसका उद्घाटन तत्कालीन गवर्नर जनरल लैटस, अरु से है बाल्ब बिना रो जल है ने किया था। यह बल्ब न केवल अपनी निरंतरता में अद्वितीय है, बल्कि उस समय की बिजली उत्पादन और वितरण प्रणाली का एक ज्वलंत उदाहरण भी है। इसका उपयोग नवाबों के महलों और आसपास के क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति के लिए भी किया जाता था।

ऐतिहासिक विरासत का एक अहम हिस्सा
इतिहासकारों के मुताबिक यह आश्चर्य की बात है कि यह बल्ब इतने लंबे समय तक बिना किसी रुकावट के जलता रहा। इसके बारे में कई धारणाएं हैं, जैसे उस समय के उपकरणों का टिकाऊ निर्माण और कम बिजली खपत वाली तकनीक। लेकिन किसी कारण से यह बल्ब किंग लाइब्रेरी की तकनीकी और ऐतिहासिक विरासत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है।

एक तकनीकी चमत्कार
यह बल्ब न केवल तकनीकी चमत्कार है बल्कि रामपुर की समृद्ध नवाबी परंपरा का प्रतीक भी है। नवाबी काल का यह बिजलीघर न केवल बिजली आपूर्ति स्टेशन था बल्कि नवाबों की दूरदर्शिता और आधुनिकता के प्रति उनकी रुचि का प्रतीक भी था।

एक समृद्ध विरासत का हिस्सा
आज के समय में जब तकनीक तेजी से बदल रही है, यह बल्ब हमें उस समय की तकनीकी उत्कृष्टता की याद दिलाता है। यह हमें नवाबों के दौर की वैज्ञानिक समझ, बिजली उत्पादन के तरीकों और उनकी जीवनशैली के अनोखे पहलुओं से परिचित कराता है। राजा लाइब्रेरी का यह बल्ब न केवल रामपुर की समृद्ध विरासत का हिस्सा है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे प्राचीन तकनीक आज के आधुनिक युग में भी मिसाल कायम कर सकती है।



Source :news18.com

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