‘खाने पै तुत एडी का टेम!’, छपाया एएसआई कार्ड, भाषण के लिए बुले पड़ेगा ‘ताव’, ओरना मिस हो जाएगी बाय!
जब किसी की शादी होती है तो वह हर छोटी-छोटी चीज को अपने तरीके से परफेक्ट और अनोखा बनाने की कोशिश करते हैं। महीनों की कड़ी मेहनत के बाद, दुल्हन के पहनावे के हर टुकड़े को अनोखा बनाया जाता है। खासकर कार्डों पर अगर ज़राओ चुप रहता है तो लोग उस पर ज़्यादा ध्यान देते हैं।
जब किसी की शादी का कार्ड आपके पास आता है तो वह उसे पढ़ता है, ताकि वह सही समय और स्थान पर पहुंच जाए। जगह और तारीख के अलावा, लोग मेहमानों को आमंत्रित करने के लिए बच्चों के गीत और कविताएँ भी लिखते हैं। हालाँकि, इस बार हम आपको जो कार्ड दिखाने जा रहे हैं, उसे पढ़ने के लिए आपको किसी और की मदद लेनी होगी।
‘चूचड़ा-चूचोरी को छोड़ना आन’
शादी के लिए पुराना निमंत्रण कार्ड इंटरनेट पर दुर्लभ हो सकता है अब तक अपनी शादी के कार्ड कुछ लोग इसे क्षेत्रीय भाषा जैसे बंगाली, गुजराती या कुछ दक्षिणी भाषा में भी प्रिंट करते हैं, लेकिन आपने क्षेत्रीय भाषा में कार्ड कभी नहीं देखा है। पर शुभ कार्ड ही दावा है जोरियनवी (हरियाणवी विवाह कार्ड) बोली में चापचा है इस कार्ड को शैलेन्द्र टोकस नाम के एक शख्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Pinterest पर शेयर किया है।
पूरा कार्ड हिरण्यवी बोली में लिखा गया है। (साभार- Pinterest/शैलेंद्र टोकस)
यह कार्ड मजेदार है…
2015 के इस कार्ड की दिलचस्प बात यह है कि यह हरे रंग में छपा था। दूल्हा और दुल्हन के नाम उम्र के चुरा अधूरी’ लिखा है. कार्ड की शुरुआत में लिखा है- ‘बड़े बच्चों के चले जाने तक इंतजार मत करो, सारे काम बाकी रह जाएंगे।’ नीचे लिखा है- दूल्हा-दुल्हन का शुभ विवाह तक दिया। अर इस खुशी के मुशां पे थारा सारे कुनबे का न्युता सै अर म्हारा सार कुनबा थारे आन की गाम हैबतपुर जिला जिंद में कसीनी ती कसूती अर आदि था-था कै बात देखेगा। सबसे मजेदार प्रीतभोज का समय है, जिश द्वारा लिखा गया एक गाना है – खोन पितुत एडिटिंग टैम, चढ़दाम तारन का टैम। अगर आपत हरियाणवी अति, ओवरना आता है कार्ड अमीले तो नो ‘ताब’ मदद लेनी पड़ेगी।
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पहले प्रकाशित: 22 सितंबर, 2024, 14:36 IST
Source :news18.com